हरिद्वार (यश पाल)। प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी घोषित होने के बाद पार्टी में बवाल थमने का नाम नही ले रहा है। धारचूला से विधायक हरीश धामी की सुलगाई चिंगारी से उपजी लपटे अब हरिद्वार पहुंचती दिखाई दे रही हैं। कार्यकारिणी में शामिल नही किये गए ज़िले के 5 दर्ज़न दिग्गज शनिवार को एक बैठक करने जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार के अधिकांश कांग्रेसी प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के खासमखास समझे जाने वाले एक पूर्व दर्जाधारी से खासे खफा है। बताया जा रहा है कि उक्त कांग्रेसी ने जनपद में पार्टी को अपना जेबी संगठन बना लिया है। इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ता जा रहा है। एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की बार बार प्रदेश नेतृत्व से शिकायत के बावज़ूद कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी की जा रही है। इसीलिए आगे की रणनीति बनाने के लिए कल दोपहर को जिला पंचायत के एक बड़े नेता के घर बैठक रखी गयी है।
बहरहाल जनपद में पार्टी की क्या स्थिति रहेगी ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन इतना तय है की प्रीतम गुट पर इस वक़्त खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
हरिद्वार। कुम्भ 2021 को लेकर आज मुख्यमंत्री के साथ हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में संतो ने खूब खरी खोटी सुनाई। परिषद के पाधिकारियों ने कुम्भ की तैयारियों को लेकर सरकार व मेला प्रशासन पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। हरिद्वार में अगले वर्ष होने वाले कुम्भ मेले की तैयारियां अभी तक शुरू नही हुई है। इसको लेकर सरकार पर लगातार आरोप लगते रहे हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी कई बार अपनी नाराज़गी जता चुके हैं। मेले के आयोजन के लिए अखाड़ा परिषद के साथ विचार विमर्श करने व तैयारियों का जायजा लेने हेतु आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गयी थी। बैठक में पहले तो अखाड़ा परिषद के संतो ने मुख्यमंत्री को एक घंटे इंतज़ार कराया, और जब अखाड़ों के प्रतिनिधि बैठक में पहुंचे तो उन्होंने मुख्यमंत्री व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक पर कुम्भ आयोजन को लेकर उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। अखाड़ों के संतो ने कुम्भ मेला प्रशासन द्वारा परिषद की और से दिए गए प्रस्तावों पर काम न करने की शिकायत भी मुख्यमंत्री से की। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने अखाड़ों में सुरक्षा, जमीनों पर से अ
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